भारत में असंगठित क्षेत्र के करोड़ों श्रमिक देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं। निर्माण कार्य, खेतों में मेहनत, सड़क निर्माण, घरेलू काम, छोटी दुकानों पर काम करने वाले लोग – ये सभी हमारे समाज की रीढ़ की हड्डी हैं। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि इन श्रमिकों को बुढ़ापे में किसी भी प्रकार की आर्थिक सुरक्षा नहीं मिलती। इसी चुनौती को देखते हुए भारत सरकार ने PM shram yogi maandhan yojana की शुरुआत की।
यह योजना विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए बनाई गई है, ताकि उन्हें 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन सुविधा मिल सके और वे अपने बुढ़ापे को सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से बिता सकें।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना क्या है :-
Pm shram yogi maandhan yojana (PM-SYM) की शुरुआत 15 फरवरी 2019 को हुई थी। यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है।
इस योजना के तहत, 18 से 40 वर्ष के बीच का कोई भी असंगठित क्षेत्र का श्रमिक नामांकन करा सकता है। योजना के अनुसार, योगदानकर्ता को हर महीने एक निर्धारित राशि जमा करनी होती है और उतनी ही राशि सरकार भी उसके खाते में जमा करती है।
जब श्रमिक 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है, तब उसे प्रति माह ₹3000 पेंशन दी जाती है। यह पेंशन आजीवन (Lifelong Pension) दी जाती है, जिससे श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की प्रमुख विशेषताएं:-
- आजीवन पेंशन: 60 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद हर माह ₹3000 की पेंशन।
- सरकारी योगदान: जितनी राशि श्रमिक जमा करता है, उतनी ही राशि केंद्र सरकार भी जमा करती है।
- 18 से 40 वर्ष तक के श्रमिक पात्र: इस आयु सीमा में आने वाले सभी श्रमिक योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सुविधा: कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से आसानी से पंजीकरण।
- मासिक योगदान कम: न्यूनतम ₹55 से लेकर अधिकतम ₹200 प्रति माह तक।
- पति/पत्नी को लाभ: श्रमिक की मृत्यु होने पर पेंशन का 50% उसके जीवनसाथी को मिलता है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के लिए पात्रता
Pm shram yogi maandhan yojana का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी शर्तें तय की गई हैं –
- आवेदक की उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक असंगठित क्षेत्र का श्रमिक होना चाहिए (जैसे- मजदूर, घरेलू कामगार, रिक्शा चालक, सड़क विक्रेता, कृषि मजदूर, बढ़ई, मोची आदि)।
- आवेदक की मासिक आय ₹15,000 या उससे कम होनी चाहिए।
- आवेदक के पास बचत बैंक खाता और आधार कार्ड होना आवश्यक है।
- आवेदक किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना (जैसे EPFO, NPS, ESIC) का सदस्य नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का लाभ कैसे उठाएं:-
Pm shram yogi maandhan yojana का लाभ उठाने के लिए श्रमिकों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
पंजीकरण प्रक्रिया:
- श्रमिक अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाए।
- वहां अपना आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर लेकर जाए।
- CSC ऑपरेटर श्रमिक का पंजीकरण करेगा और मासिक योगदान राशि बताएगा।
- श्रमिक के नाम से एक पेंशन खाता (Pension Account) खोला जाएगा।
- श्रमिक को तुरंत पेंशन कार्ड जारी किया जाएगा।
योजना से मिलने वाले लाभ:-
1. आर्थिक सुरक्षा – बुढ़ापे में आर्थिक परेशानी से बचाव।
2. आजीवन पेंशन – 60 वर्ष की आयु के बाद हर माह ₹3000।
3 .सरकारी सहयोग – जितना योगदान श्रमिक करता है, उतना ही सरकार भी।
4. परिवार को लाभ – मृत्यु की स्थिति में जीवनसाथी को पेंशन।
5. कम अंशदान में बड़ा लाभ – केवल ₹55 से शुरू।

योजना का महत्व:-
भारत में असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोगों की संख्या लगभग 42 करोड़ है। इनमें से ज्यादातर लोगों के पास बुढ़ापे की कोई बचत या पेंशन सुविधा नहीं होती।
इस योजना से –
- श्रमिकों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलता है।
- असंगठित क्षेत्र के लोगों को सामाजिक सुरक्षा मिलती है।
- गरीबी और आर्थिक असुरक्षा में कमी आती है।
- देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
किन लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा :-
- EPFO, ESIC, या NPS का सदस्य पहले से हो।
- सरकारी कर्मचारी।
- इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले व्यक्ति।
- जिनकी मासिक आय ₹15,000 से अधिक है।
योजना की चुनौतियाँ :-
हालांकि योजना लाभकारी है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आती हैं –
- लोगों में जागरूकता की कमी।
- बहुत से श्रमिक नियमित मासिक योगदान नहीं कर पाते।
- CSC पर भीड़ और तकनीकी दिक्कतें।
- कई बार बैंक लिंकिंग और आधार सत्यापन में समस्या।
सरकार द्वारा उठाए गए कदम :-
सरकार लगातार Pm shram yogi maandhan yojana को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए कदम उठा रही है –
- जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
- पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और तेज किया गया है।
- CSC केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है।
- डिजिटल इंडिया के तहत ऑनलाइन ट्रैकिंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
योजना के तहत मासिक अंशदान
Pm shram yogi maandhan yojana के तहत श्रमिकों को उनकी उम्र के अनुसार मासिक योगदान (Monthly Contribution) करना होता है। सरकार उतनी ही राशि उनके खाते में जमा करती है। नीचे तालिका देखें:
आयु (वर्ष) | मासिक अंशदान (₹) | सरकार का योगदान (₹) | कुल जमा (₹) |
---|---|---|---|
18 | 55 | 55 | 110 |
20 | 75 | 75 | 150 |
25 | 100 | 100 | 200 |
30 | 125 | 125 | 250 |
35 | 150 | 150 | 300 |
40 | 200 | 200 | 400 |
निष्कर्ष :-
Pm shram yogi maandhan yojana (PM-SYM) असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक वरदान है। यह योजना बुढ़ापे की आर्थिक चिंताओं को कम करती है और श्रमिकों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देती है।
कम अंशदान में ₹3000 मासिक पेंशन एक बड़ी सुविधा है। यह योजना न केवल श्रमिकों के लिए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी सुरक्षा कवच है।
❓ Pm shram yogi maandhan yojana 2025 से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQ)
1. इस योजना में कितना योगदान (Monthly Contribution) देना होता है?
योगदान राशि उम्र के अनुसार तय होती है। यह ₹55 से ₹200 प्रति माह तक होती है। सरकार उतनी ही राशि आपके खाते में जमा करती है।
2. पेंशन कब से मिलेगी?
जब आवेदक 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेगा, तब उसे आजीवन हर माह ₹3000 पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।
3. अगर श्रमिक की मृत्यु हो जाए तो क्या होगा?
ऐसी स्थिति में उसके जीवनसाथी को पेंशन का 50% परिवार पेंशन के रूप में मिलता रहेगा।
4. क्या सरकारी कर्मचारी इस योजना का लाभ ले सकते हैं?
नहीं, सरकारी कर्मचारी और इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले लोग इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
5. इस योजना की सबसे बड़ी खासियत क्या है?
कम मासिक योगदान (₹55 से शुरू) में आजीवन पेंशन सुविधा और सरकार द्वारा बराबर की राशि जमा करना इसकी सबसे बड़ी विशेषता है।